Tuesday, October 22, 2019

यहां हर शख्स पत्रकार है

फेसबुक वॉट्सएप 
यूट्यूब का दरबार है 
न सलीका‌ न शऊर
हर शख्स पत्रकार है 

सेठ जी हैं संपादक संपादकीय पढ़ पाते नहीं  
क्या छपा है उनके नाम से 
विचार कर पाते नहीं 

प्रवचन जिनके छपते 
वे संत कभी लिखते नहीं 
आत्मकथा उनकी भी छपी
जो पत्र लिख सकते नहीं 

कौन कर रहा यह सेवा 
क्या पता कर सकते नहीं 
नमन उन अनजाने लेखकों को
जो नाम पा सके ही नहीं

कुमार अनेकांत