कुमार अनेकान्त की कवितायें
Thursday, February 24, 2022
बेवफा
वो मुझे अक्सर
सताता बहुत है
है मुझ पर ज्यादा मेहरबा
हर वक्त
जताता बहुत है
गर मजबूरी में लेना ही पड़ जाये
उससे थोड़ी सी मदद
महफ़िल में बेवफा
बताता बहुत है |
-कुमार अनेकांत
२५/०२/२०१५
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