Tuesday, August 24, 2021

णमो कुण्डकुण्डस्स

*णमो कुण्डकुण्डस्स*

*जस्स वाणी सुणिदूण* ,
*सेआम्बरो वि हवदि दिअम्बरो।*
*णमो य तिहुवणपुज्जं* 
*दिअम्बरायरियो कुण्डकुण्डस्स।।*

जिनकी दिव्य वाणी को सुनकर  श्वेताम्बर भी (अपना मताग्रह त्यागकर) दिगंबर  हो रहे हैं ,(उन ) तीनों लोकों में पूज्य महान दिगंबर जैन आचार्य कुन्दकुन्द को मेरा नमस्कार है ।

प्रो अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली 
24/08/2021

Sunday, August 22, 2021

तालिबान होते जा रहे हैं

*अपनों को ही मिटाने में, कुर्बान होते जा रहे हैं ।*
*हम भी कहीं न कहीं, तालिबान होते जा रहे हैं ।।*

*कुमार अनेकान्त©*
23/08/2021

Sunday, August 1, 2021

दोस्ती

दोस्ती

ता उम्र हमने दोस्ती की इबादत की है ,
कमबख्त लोग एक दिन मुकरर कर बैठे |

हम नहीं जानते क्या है मतलब इसका ,
जो जरा मुस्करा के मिला,इकरार कर बैठे || 

उनके वजूद से ही खुद का वजूद माना,
बेरुखी उनकी थी और हम गुनहगार बन बैठे |

अब इस ऐतबार को आप चाहे जो कहें ,
उसने दिन को कहा रात और हम सो बैठे ||


- कुमार अनेकांत
2/08/2018

किताबें कुछ सिखाती हैं मित्र सबकुछ सिखाता है

*किताबें कुछ सिखाती हैं मित्र सबकुछ सिखाता है*

©कुमार अनेकान्त

दुनिया उसूल सिखाती है 
मित्र तोड़ना सिखाता है 
दुनिया जीवन सिखाती है 
मित्र जीना सिखाता है 
किताबें प्रेम पढ़ाती हैं 
मित्र प्रयोग सिखाता है 
किताबें अंग पढ़ाती हैं 
मित्र उपयोग सिखाता है 
किताबें शब्द सिखाती हैं 
मित्र अपशब्द सिखाता है 
दुनिया बहुत डराती है 
मित्र लड़ना सिखाता है 
दुनिया पैसा सिखाती है 
मित्र खर्चा सिखाता है 
जब सब लोग दें धोखा
मित्र विश्वास सिखाता है 
बिगाड़ता है जरूर मित्र अपना 
पर वही जीना सिखाता है 
किताबें कुछ सिखाती हैं
मित्र सबकुछ सिखाता है


मित्रता दिवस की सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं