Tuesday, August 24, 2021

णमो कुण्डकुण्डस्स

*णमो कुण्डकुण्डस्स*

*जस्स वाणी सुणिदूण* ,
*सेआम्बरो वि हवदि दिअम्बरो।*
*णमो य तिहुवणपुज्जं* 
*दिअम्बरायरियो कुण्डकुण्डस्स।।*

जिनकी दिव्य वाणी को सुनकर  श्वेताम्बर भी (अपना मताग्रह त्यागकर) दिगंबर  हो रहे हैं ,(उन ) तीनों लोकों में पूज्य महान दिगंबर जैन आचार्य कुन्दकुन्द को मेरा नमस्कार है ।

प्रो अनेकान्त कुमार जैन ,नई दिल्ली 
24/08/2021

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