Saturday, November 6, 2021

कैसा मुमुक्षु ?कैसा अनेकांत ?

कैसा मुमुक्षु ?कैसा अनेकांत ?

जब तक मुझे है आग्रह 
कषाय जनित भाव का 
गुरु का पंथ का 
और ग्रन्थ का 
तब तक दूर है वो तत्व
जिसका दर्शन है सम्यक्त्व 
एकांत में सिमटा मेरा भाव
बिन अनेकांत 
मिटे कैसे मिथ्या प्रभाव 
                  -कुमार अनेकांत