Saturday, December 26, 2020
प्राकृत- नूतनवर्षाभिनंदनम्
Wednesday, December 23, 2020
णमो कुण्डकुण्डाणं
Thursday, December 10, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १० ,करुणा
समकालीन प्राकृत कविता 21 आत्म-सुख
Friday, November 13, 2020
महावीर-णिव्वाण-दीवोसवो
जआ अवचउकालस्स सेसतिणिवस्ससद्धअट्ठमासा ।
तआ होहि अंतिमा य महावीरस्स खलु देसणा ।।१।।
जब अवसर्पिणी के चतुर्थ काल के तीन वर्ष साढ़े आठ मास शेष थे तब भगवान् महावीर की अंतिम देशना हुई थी ।
कत्तियकिण्हतेरसे जोगणिरोहेण ते ठिदो झाणे ।
वीरो अत्थि य झाणे अओ पसिद्धझाणतेरसो ।।२।।
योग निरोध करने के बाद कार्तिक कृष्णा त्रियोदशी को वे (भगवान् महावीर)ध्यान में स्थित हो गए ।और (आज) ‘वीर प्रभु ध्यान में हैं’ अतः यह दिन ध्यान तेरस के नाम से प्रसिद्ध है ।
चउदसरत्तिसादीए पच्चूसकाले पावाणयरीए ।
ते गमिय परिणिव्वुओ देविहिं अच्चीअ मावसे ।।३।।
चतुर्दशी की रात्रि में स्वाति नक्षत्र रहते प्रत्यूषकाल में वे (भगवान् महावीर) परिनिर्वाण को प्राप्त हुए और अमावस्या को देवों के द्वारा पूजा हुई ।
गोयमगणहरलद्धं अमावसरत्तिए य केवलणाणं ।
णाणलक्खीपूया य दीवोसवपव्वं जणवएण ।।४।।
इसी अमावस्या की रात्रि को गौतम गणधर ने केवल ज्ञान प्राप्त किया ।लोगों ने केवल ज्ञान रुपी लक्ष्मी की पूजा की और दीपोत्सवपर्व मनाया ।
कत्तिसुल्लपडिवदाए देविहिं गोयमस्स कया पूया ।
णूयणवरसारंभो वीरणिव्वाणसंवच्छरो ।।५।।
अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को देवों ने भगवान् गौतम की पूजा की और इसी दिन से वीर निर्वाण संवत और नए वर्ष का प्रारंभ हुआ ।
शाकाहार हाईकू पंचक
शाकाहार हाईकू पंचक*
Friday, September 25, 2020
हम फर्जी हैं अनुयायी
Wednesday, September 23, 2020
लव षष्टक
Monday, September 14, 2020
हमारा भाषा परिवार
Sunday, September 6, 2020
कभी सपना नहीं आया तो कभी देखना नही आया
Thursday, September 3, 2020
क्षमा वाणी या मैसेज पर्व ?
Monday, August 31, 2020
एक और दसलक्षण हो गया
Friday, August 21, 2020
मैं इस तरह दसलक्षण कर लूंगा
Friday, August 14, 2020
स्वतंत्रता दिवस
Thursday, August 13, 2020
तुम भी यार कॅरोना निकले
Saturday, July 11, 2020
पिताजी का जन्मदिन
Tuesday, July 7, 2020
वीर शासन जयंती प्राकृत आगम।दिवस
Monday, June 29, 2020
घूंघट
Tuesday, June 23, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १९-२०
Thursday, June 18, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १८ पीड़ा
Monday, June 15, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १७ विपरीत युग और वक्ता
Saturday, June 6, 2020
णिय - बोह ( निज बोध )
Saturday, May 30, 2020
कैसे कर दूँ माफ़
Friday, May 29, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १६ अनुप्रेक्षा जन्मदिवस
Wednesday, May 27, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १५ श्रुत पंचमी
Monday, May 25, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १३-१४ पाप
Sunday, May 24, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १२ ,संकप्पदिवसो
Saturday, May 23, 2020
समकालीन कविता १२ , योगी ऋषभदेव
समकालीन कविता १२ , योगी ऋषभदेव
उसहो जोगो उत्तं ,
पढमो कीरइ आसणं तवझाणं |
सुद्धोवओगधम्मं,
आदा मे संवरो जोगो ||
प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने सर्वप्रथम योग विद्या का उपदेश दिया | उन्होंने सर्वप्रथम आसन ,तप, ध्यान और शुद्धोपयोग धर्म को प्राप्त किया और उपदेश दिया कि आत्मा ही संवर और योग है |
@कुमार अनेकांत
२५/०५/२०२०
समकालीन प्राकृत कविता ११ , करुणा
Friday, May 22, 2020
समकालीन प्राकृत कविता १० पंचमकाल में श्रावकधर्म
Wednesday, May 20, 2020
समकालीन प्राकृत कविता - ९ ऑन लाइन मोक्ष
कुमार अनेकांत
Monday, May 18, 2020
समकालीन प्राकृत कविता – ८ ‘मेरा सो जावे नहीं ,जावे सो मेरा नहीं’
Sunday, May 17, 2020
णेणागिरि-वेहवं
(नैनागिरि वैभवं )
प्रो अनेकांत कुमार जैन
१८/०५/२०२०
Saturday, May 16, 2020
समकालीन प्राकृत कविता – ६, विश्व परिवार दिवस
Friday, May 15, 2020
समकालीन प्राकृत कविता ७ , बेवफाई
बेवफाई