चक्कवत्तीसासगो छक्खंडे
देसोभारदवस्सो
णामो वि जादो भरदत्तो
तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र भरत जो छह खंड के चक्रवर्ती सुशासक राजा थे , अपने देश का नाम भारतवर्ष उन्हीं भरत सम्राट के कारण पड़ा ।
इइ सुकहापुराणेसु ,
गायन्ति खलु वेदजइणागमेसु ।
खरवेलसिलालेहे ,
'भरधवस' खलु दसमपंतिम्मि ।।
यह सुकथा वैदिक एवं जैन पुराणों एवं आगमों में खुलकर गाई गयी है तथा खारवेल के शिलालेख में भी भारत वर्ष यही नाम मिलता है ।
19/12/23
प्रो अनेकांत जैन