Saturday, November 6, 2021
कैसा मुमुक्षु ?कैसा अनेकांत ?
Monday, October 25, 2021
भूकंप के झटके
Monday, October 11, 2021
जन्नत न् मिली
सब कुछ था पर वैराग्य नहीं था
Wednesday, September 29, 2021
तुम पटाते हो हम पट जाते हैं
Tuesday, September 28, 2021
क्षमा याचना की सीमा
Tuesday, August 24, 2021
णमो कुण्डकुण्डस्स
Sunday, August 22, 2021
तालिबान होते जा रहे हैं
Sunday, August 1, 2021
दोस्ती
किताबें कुछ सिखाती हैं मित्र सबकुछ सिखाता है
Monday, July 26, 2021
यथार्थ
यथार्थ
यहां जिसकी जितनी है जरूरत ,
बस उसकी उतनी है अहमियत ।
शौक हो तो करते रहिए उपकार ,
वर्ना खोजते ही रहेंगे इंसानियत ।।
जिंदगी भर पाले रहते हैं वहम,
कि हम ही हैं सबके लिए अहम ।
लोग नाम भूल जाएंगे आपका ,
गायब होकर देखिए एकदम ।।
आप रहें न रहें फर्क कुछ भी नहीं ,
दिन तेरह भी नहीं टिकती यादें ।
आप कुछ भी कहते सिखाते रहें ,
यहीं रह जाती हैं यहां की बातें ।।
वक्त रुकता है न जमाना बदलता है ,
संसार अपनी ही चाल से चलता है ।
चाहे कितने भी प्यार से पालो पंक्षी ,
सूखा पेड़ तो ठिकाना बदलता है ।।
कुमार अनेकान्त
26/07/2021
Saturday, July 17, 2021
अणुवमाहिणंदणं
Friday, July 9, 2021
Tuesday, July 6, 2021
अंदाज़
Friday, July 2, 2021
हस्ताक्षर
Monday, June 21, 2021
पिता नहीं भगवान हैं वे
Saturday, June 19, 2021
श्रुत पंचमी हो गई
शुभ परिणय उत्सव ( प्राकृत कविता )
Friday, June 11, 2021
शास्त्र संरक्षण श्रुत पंचमी प्राकृत
Tuesday, June 8, 2021
मोहो
अश्क ए बयां
Monday, May 31, 2021
भ्रूण हत्या (समकालीन प्राकृत कविता)
Saturday, May 29, 2021
Monday, May 17, 2021
अव्यक्त दर्द
Thursday, May 13, 2021
चिंता कैसी ?
Tuesday, May 11, 2021
जम्मदिवसस्स सुहकामणा (समकालीन प्राकृत कविता )
उपकार ( समकालीन प्राकृत कविता )
अगला नम्बर ......
Friday, May 7, 2021
जीने की कला
Thursday, May 6, 2021
श्रद्धांजलि
शून्य हो गया हूँ
Friday, April 30, 2021
दो अभिव्यक्ति
भूले अपना धर्म महान
Saturday, April 24, 2021
महावीर जन्मकल्याणक अष्टक
तित्थयर-महावीर-जम्मोस्सवो
(पागद-अट्ठगं )
णमो महावीरस्स
पुप्फोतराभिहाणा तिेसिलागब्भासाढसिदछट्ठम्मि ।
अवइण्णमहावीरो तित्थयरो य जइणधम्मस्स ।।1।।
भावार्थ -
स्वर्ग के पुष्पोत्तर विमान से च्युत होकर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन माता त्रिशला के गर्भ में जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान् महावीर अवतरित हुए ।
तत्थ अट्ठदिवसाहिय णवमासपुण्णकरिदूण विदेहे ।
वेसालीकुण्डउरे णाहसिद्धत्थनंदवत्ते ।।2।।
भगवं सुजम्मइसाए णवणवइपंचसयवस्सपुव्वम्मि ।
चेत्तसिदतेरसीए सुहे उत्तरफग्गुणिरिक्खे ।।3।।
भावार्थ
गर्भ में नौमाह आठ दिन पूर्ण करके भारत वर्ष के विदेह देश के वैशाली कुंडनगर में नाथ वंशी राजा सिद्धार्थ के नान्द्यावर्त नामक महल में ईसा के पांच सौ निन्यानबे (५९९)वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल त्रियोदशी के दिन शुभ उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में भगवान् महावीर का शुभ जन्म हुआ।
दट्ठूण सिंहचिण्हं वीरदाहिणपायंगुट्ठणहम्मि ।
होहिइ खलु तित्थयरो णायगवरमोक्खमग्गस्स ।। 4।।
उस दिव्य बालक वीर के दाहिने पैर के अंगूठे के नाखून पर सिंह का चिन्ह देख कर (यह भविष्यवाणी कर दी गयी थी कि)निश्चित ही ( यह बालक धर्म तीर्थ का कर्त्ता )तीर्थंकर और मोक्षमार्ग का श्रेष्ठ नेता होगा ।
सिंहवीरचिण्हमत्थि,तत्तो च तित्थयरमहावीरस्स । वेसालिथम्भस्स खलु पडीयभारयसरयारस्स ।।5।।
तब से ही सिंह निश्चित ही तीर्थंकर महावीर का और वीरता का चिन्ह है तथा आज वैशाली का सिंह स्तम्भ तथा भारत सरकार का प्रतीक है ।
पढमे खलु गणतंते वेसालीए होही जस्स जम्मं ।
धम्मदंसणे ठवीअ वि गणतंतं य महावीरो ।।6।।
निश्चय ही विश्व के प्रथम गणतंत्र वैशाली में जिनका जन्म हुआ और उन भगवान् महावीर ने धर्म दर्शन के क्षेत्र में भी गणतंत्र की स्थापना की ।
अप्पा सो परमप्पा णत्थि कोवि एगो इस्सवरो लोए ।
णत्थि कोवि कत्ता खलु लोअस्स य केवलं णाया ।।7।।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आत्मा परमात्मा है ,लोक में कोई एक ईश्वर नहीं है ,निश्चित ही इस लोक का कोई भी कर्त्ता नहीं है और वह परमात्मा केवल ज्ञाता (दृष्टा) है ।
जीवसयमेव कत्ता,सुहदुक्खाणं य सयं कम्माणं ।
सव्वकम्मनस्सिदूण, भत्तो वि य भगवन्तो हवइ ।।8।।
(उन्होंने समझाया कि) अपने सुख-दुखों का और अपने कर्मों का जीव स्वयमेव कर्त्ता है, अपने सभी कर्मों का नाश करके भक्त भी भगवान् हो जाता है ।
Thursday, April 1, 2021
समकालीन प्राकृत कविता 1 अप्रैल मूर्ख दिवस
Wednesday, March 31, 2021
कितना धर्म हो रहा है ?
Sunday, March 28, 2021
प्रिये ! मैं कैसे होली मनाऊं ?
Monday, March 22, 2021
कह नहीं पाते पर महसूस करते हैं
Saturday, March 20, 2021
ख्वाहिशें नई नई
Saturday, March 13, 2021
मन मेरा डूबता रहा
Friday, January 29, 2021
तित्थयर-महावीरस्स गणतंतं (तीर्थंकर महावीर का गणतंत्र )
तित्थयर-महावीरस्स गणतंतं