Wednesday, January 20, 2021

समकालीन प्राकृत कविता 24 डिजिटल सिक्खा

सिक्खा कीरइ अंधो, डिजिटलो अंधयारो य सव्वत्थ ।

डाऊणलोडो ण होदि, रोट्टगो
गुगलत्तो कया ।।

भावार्थ 
सब तरफ डिजिटल अंधकार फैल गया है और ऑनलाइन शिक्षा विद्यार्थियों को अंधा कर रही है ।इन्हें कौन समझाए कि कितना भी कर लो रोटी गूगल से डाउन लोड नहीं होती ।
20/01/2021

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