कुमार अनेकान्त की कवितायें
Saturday, April 16, 2022
बुरा मत कह मेरे बारे में
बुरा मत कह मेरे बारे में, इतना तो सोच ।
दोस्त तेरे, महफ़िल मेरी भी सजाते हैं।।
- कुमार अनेकांत©
17/04/2015
Friday, April 15, 2022
गुनाह
लोग चाहते होंगे तुम्हें खूबियों से मगर ।
हम तो फिदा ही तेरे गुनाहों पर हैं ।।
- कुमार अनेकान्त©
16/04/2016
Wednesday, April 13, 2022
मैं क्यों मानूँ महावीर ?
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