कुमार अनेकान्त की कवितायें
Friday, April 15, 2022
गुनाह
लोग चाहते होंगे तुम्हें खूबियों से मगर ।
हम तो फिदा ही तेरे गुनाहों पर हैं ।।
- कुमार अनेकान्त©
16/04/2016
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