Tuesday, May 11, 2021

जम्मदिवसस्स सुहकामणा (समकालीन प्राकृत कविता )

*जम्मदिवसस्स सुहकामणा*

*दुल्लहो मणुजम्मो य*, *णीरोगसरीरं धम्मसरणं य ।*
*ससगपरकल्लाणं य* ,
*जम्मदिअसो मंगलं होदु ।।*

यह मनुष्य जन्म , अनुकूल शरीर और धर्म की शरण मिलना बहुत दुर्लभ है ( अतः) स्व पर कल्याण के साथ आपका जन्मदिवस मंगलमय हो ।

डॉ अनेकान्त जैन 
12/05/2021

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