Friday, May 7, 2021

जीने की कला

जीने की कला

*जइ ण वसे पसासणं ,चइदूण पयं ठायव्वं अप्पम्मि ।*
*कुस्सी य णत्थि अत्थी , जस्स चागं खलु असंभवो ।।*

यदि प्रशासन न हो पा रहा हो तो (समय रहते ) पद त्यागकर आत्मा में स्थित हो जाना चाहिए ( क्यों कि ) वह कुर्सी है अर्थी नहीं है जिसको छोड़ना असंभव हो ।

कुमार अनेकान्त 
7/05/2021

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