जीने की कला
*जइ ण वसे पसासणं ,चइदूण पयं ठायव्वं अप्पम्मि ।*
*कुस्सी य णत्थि अत्थी , जस्स चागं खलु असंभवो ।।*
यदि प्रशासन न हो पा रहा हो तो (समय रहते ) पद त्यागकर आत्मा में स्थित हो जाना चाहिए ( क्यों कि ) वह कुर्सी है अर्थी नहीं है जिसको छोड़ना असंभव हो ।
कुमार अनेकान्त
7/05/2021
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