Tuesday, June 8, 2021

अश्क ए बयां

*अश्क ए बयां*

*ये हुनर कहाँ से लाते हैं हुस्ने अश्क ?* 
*दर्द ए कोह तक ढहा देते हैं।*
*रहमानों की हालत न पूछो सनम* 
*ये तो क़त्ल कातिलों के कर देते हैं।।* 


✍️ कुमार अनेकान्त

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