णाणमवि भासइ सो अत्थि मोहो ।
णियणाणेण सो णसइ,
णट्ठेण खलु हवइ मोक्खं ।।
संसार में सुख नहीं है यह जानकर भी उसमें सुख भासित होता है यही मोह है । वह मोह निजातम के ज्ञान से नष्ट होता है । और उस उसके नष्ट होने से ही मोक्ष होता है ।
कुमार अनेकान्त
9/06/2021
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