Monday, October 11, 2021

सब कुछ था पर वैराग्य नहीं था

तन था मन था संयममय जीवन था
ज्ञान  प्रवचन और भक्ति भजन था 
करुणा थी लबालब आतम में
जगत सुधरे इसका भरपूर जतन था 

स्वाध्याय तीर्थ उपदेश प्रचुर था 
धर्म फैलाने में भरपूर मगन था 
पर इस भव को सार्थक करने 
सब कुछ था पर वैराग्य नहीं था  

कुमार अनेकान्त
11/10/2021

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