*अणुवमाहिणंदणं*
जइण-गणिय-सुदविउसो ,
अणुवमो करणाणुओय-सुविण्णो ।
जिणवाणी-सुपुत्तस्स ,
इह मणुभवो सुसहलो होदु ।।
अनुपमाभिनंदन
जैन गणित के श्रुतधर विद्वान ,करणानुयोग के अनुपम सुविज्ञ ,जिनवाणी के सुपुत्र का यह मनुष्य भव सुसफल होवे ।
डॉ अनेकान्त जैन ,नई दिल्ली
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