कुमार अनेकान्त की कवितायें
Monday, April 17, 2023
सुकून
सुकूं मिलेगा इसी मुकाम पर एक दिन ।
फ़र्क है किसकी कितनी भटकन बाकी है ।।
©कुमार अनेकान्त
18/04/2023
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