*पुफ्फो इव सुओमलो कसायो य किंचवि णत्थि हिययम्मि |*
*पेमीफूलचन्दस्स जणगस्स जम्मदिवसो सुहं होउ ||*
(उग्गाहा )
*ह्रदय में थोड़ी सी भी कषाय नहीं है ऐसे पुष्प के समान सुकोमल पिता आचार्य फूलचंद प्रेमी जी का जन्मदिवस शुभ हो* ...........
- अनेकांत रुचि सुनय अनुप्रेक्षा
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