*समकालीन प्राकृत कविता* - ४
*लॉक डाउन में ऑनलाइन तत्त्वज्ञान*
*जिणस्स य तच्चणाणं,*
*पसारयन्ति ऑणलइण सिविरेेण।*
*पण्डिया जिणधम्मस्स,*
*टोडरमलस्स णव वंसजा*।।
भावार्थ –
पण्डित टोडरमल जी के नव वंशज जिनधर्म-दर्शन के पण्डित ( युवा विद्वान) ऑनलाइन शिविर के माध्यम से जिनेन्द्रदेव का तत्त्वज्ञान प्रसारित कर रहे हैं |
@कुमार अनेकांत १४/०५/२०२० drakjain2016@gmail.com
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