Monday, May 11, 2020

समकालीन प्राकृत कविता २, करोना

प्राकृत कविता २

करोणाए पिहितं खलु ,विस्समहामारी भारहदेसे |
गेहे गेहे वि हवइ, जुद्धं कारणं चलदूरभासं ||


भावार्थ -

निश्चित ही विश्व महामारी करोना के कारण भारतदेश में बंदी है ,लेकिन घर परिवार में भी जो लड़ाईयां चल रहीं हैं उसका कारण मोबाइल फ़ोन है |

कुमार अनेकांत@
११/०५/२०२०

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