समकालीन प्राकृत कविता - ७
(गाथा छंद)
बेवफाई
बेवफाई
भूकंपो य पइदिणं ण बीहेइ ।
बीहेइ मम लोये य ,
मत्ततव विवरीयसहावं ।।
भावार्थ -
करोना वायरस का भय और प्रतिदिन का भूकंप भी मुझे डराता नहीं है । इस लोक में यदि मुझे कोई डराता है तो मात्र तेरी बेवफाई ( तुम्हारा विपरीत स्वभाव) ।
© कुमार अनेकांत
drakjain2016@gmail.com
१६/०५/२०२०
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