Friday, May 15, 2020

समकालीन प्राकृत कविता ७ , बेवफाई

समकालीन प्राकृत कविता - ७

(गाथा छंद)

बेवफाई 

करोणाविसाणु-भयं,
भूकंपो य पइदिणं ण बीहेइ ।
बीहेइ मम लोये य ,
मत्ततव विवरीयसहावं ।।

भावार्थ -
करोना वायरस का भय और प्रतिदिन का भूकंप भी मुझे डराता नहीं है । इस लोक में यदि मुझे कोई डराता है तो मात्र तेरी बेवफाई ( तुम्हारा विपरीत स्वभाव) ।

© कुमार अनेकांत
drakjain2016@gmail.com
१६/०५/२०२०

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