कुमार अनेकान्त की कवितायें
Monday, September 14, 2020
हमारा भाषा परिवार
*हमारा भाषा परिवार*
*हिंदी माआ अत्थि य,*
*पिउ सक्कयं पाइयं सअलदाइ।*
*णाणी अवभंसो खलु, एसा य भारदभासा परिवारो ।।*
हिंदी माता है,संस्कृत पिता और प्राकृत सबकी दादी है और अपभ्रंश हमारी नानी है । यह ही भारत भाषा परिवार है ।
कुमार अनेकान्त
14/09/2020
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