क्षमा वाणी या मैसेज पर्व ?
कुमार अनेकान्त
4/09/2020
चाहे भूल हो या कोई विवाद,
सहज मिटते
यदि रहे संवाद ।
साक्षात हो या हो दूरवाणी,
बना रहे पर्व पावन
क्षमावाणी ।।1।।
वाणी का स्थान मेसेज नहीं ले सकता, ज्यों
संदेशों कभी खेत नहीं जुतता।
कह कर करें और
मांगे क्षमा,
वर्ना मेसेज पर्व
हो जाएगा क्षमा ।।2।।
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