*एक और दसलक्षण हो गया*
कुमार अनेकान्त
राग विराग हो गया
धर्म का संरक्षण हो गया
हम कुछ भीगे कुछ रीते
एक और दसलक्षण हो गया
हुए व्रत एकासन यथाशक्ति
हुआ स्वाध्याय पूजन यथाभक्ति
भूले बिसरे संस्कारों का पुनः शिक्षण हो गया
एक और दसलक्षण हो गया
अब शेष वर्ष समीक्षा है
सीखा जो उसकी परीक्षा है
अपनी आत्म यात्रा का
एक और भ्रमण हो गया
एक और दसलक्षण हो गया
1/09/2020
drakjain2016@gmail.com
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