लव षष्टक
-कुमार अनेकांत
वो दीवानी बावरी
करके सोला श्रृंगार
हम में ऐसी क्या कमी दिखी ?
जो हुई लव जेहादी शिकार
उस कोमल कली को
गर इधर ही मिले दुलार
क्यों वो भटके प्यार को
हो लव जेहादी शिकार
हमने भी इतने कस दिए
सामाजिक प्रतिबन्ध
जाति पाती के नाम पर
सिमित हुए सम्बन्ध
क्या बनिया क्या ब्राह्मण
क्या क्षत्रिय क्या जाट
बेटी अपनों में ही रहे
अब तय कर लो यह बात
चलो जपना शुरू करें
हम भी नेह के मंत्र
ताकि सफल न हो सके
लव जेहादी षडयंत्र
जागें खोलें हम भी अपने
खिड़की और किवार
आने दो अब घर आँगन में
अपनेपन की बयार
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