उत्तम क्षमा
यदि किसी के लिए दिल में बैर है
तो मंदिर जाना सिर्फ एक सैर है
किसी भक्त का करते अपमान हैं
तो भगवान् की पूजा एक स्वांग है
श्रुत के विपरीत मन का ही गान है
तो प्रवचन नहीं सिर्फ व्याख्यान है
छूटा है धर्म यदि किसी का
तुम्हारे
कटु वचनों से 'अनेकांत'
अक्षम्य है अपराध ,दुरभिमान है ।
- कुमार अनेकांत
18/09/24 क्षमावाणी पर्व
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