याद है
एक बार
दिल की संसद में
मेरे प्रस्ताव पर
तुमने भी अविश्वास
जताया था
पर
सरकार तुम्हारी गिर गयी थी
तभी से आज
हम अपनी
स्वतः सिद्ध सत्ता
के स्थायी प्रधानमंत्री हैं
और तुम सिर्फ बेसहारा मतदाता
तुम्हारे अविश्वास का
धन्यवाद
-Kumar Anekant
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