Sunday, July 20, 2025

लोकप्रिय

लोकप्रिय 

जं सच्चं सव्वदा ण होदि लोयप्पिअं  खलु संसारे ।
जं लोयप्पिअं होदि सव्वदा ण होदि  खलु सच्चं ।।

जो सही है, वो हमेशा लोकप्रिय नहीं होता,और जो लोकप्रिय होता है,वो हमेशा सही नहीं होता!

कुमार अनेकान्त©
21/07/25

Thursday, July 17, 2025

ख्वाहिश


न जाने किस साजिश में फँसते जा रहे हैं
भरी महफ़िल में भी अकेले होते जा रहे हैं

अरसा गुजरा उन्हें मनाने की कोशिश में 
जितना करीब माना उतने दूर जा रहे हैं

तुम बेख़बर रहे हो हमारे हाल चाल से 
और हम तेरी फ़िक्र में  जले जा रहे हैं

ख्वाहिश कब मुक्कमल होती हैं यहाँ
फिर भी ख्वाहिशों में जिये जा रहे हैं 

©kumar Anekant
17/07/24

Sunday, July 6, 2025

ज्ञानी का जीवन


सुन्दरजीवणं होइ दव्वणतलइव हु णायगणाणिस्स ।
सागदसव्वस्स अत्थि अप्पसंगहो कस्सवि णत्थि  ।।

भावार्थ - 

ज्ञायक ज्ञानी का जीवन दर्पण के तल के समान निश्चित ही बहुत सुंदर होता है ,क्यों कि वहाँ स्वागत सभी ज्ञेयों का होता है किंतु आत्मा में संग्रह किसी पदार्थ का नहीं होता ।

कुमार अनेकान्त©
7/07/25