कुमार अनेकान्त की कवितायें
Friday, August 22, 2025
गुनाह तब है
कौन कहता है बड़ी लकीरें न खींची जाए ।
गुनाह तब है जब पुरानी को मिटाया जाय ।।
कुमार अनेकान्त
20/08/ 25
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