परिवार वाद
सभी जगह
परिवारवाद
किसी का खुद का परिवार ही परिवार
किसी का संघ
परिवार ही परिवार किन्हीं की जाति ही उनका परिवार
किसी के लिए उनका धर्म और साधर्मी ही परिवार किसी के लिए उनकी खुद की समाज ही परिवार
पर ऐसे शायद ही मिलें जिनके लिए पूरा देश परिवार
सबसे बड़ी विशाल दृष्टि में वसुधा ही कुटुंब यानि परिवार
इसलिए
परिवार वाद नहीं
परिवार का
सीमाकरण अखरता है
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