कुमार अनेकान्त की कवितायें
Sunday, December 28, 2025
हमें कुछ नहीं पता है
जब
कुछ नहीं आता था
तब
लगता था
हमें सब कुछ पता है
जब
कुछ आने लगा
तब लगा
कि
हमें कुछ नहीं
पता है
कुमार अनेकांत
28/12/2019
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